“गणेश आरती हिंदी में” ( Ganesh Aarti in Hindi ) भगवान गणेश को समर्पित एक श्रद्धेय भजन है, जो हिंदू धर्म में हाथी के सिर वाले प्रिय देवता हैं, जो ज्ञान, बुद्धि और बाधाओं को दूर करने का प्रतीक हैं। यह सुन्दर एवं भक्तिपूर्ण रचना भक्ति एवं प्रशंसा की हृदयस्पर्शी अभिव्यक्ति है।
हिंदी में गणेश आरती, जिसे स्थानीय भाषा में “गणेश आरती” के रूप में जाना जाता है, पारंपरिक रूप से श्रद्धेय हिंदू संत और कवि, “संत तुलसीदास” को जिम्मेदार ठहराया जाता है। संत तुलसीदास हिंदू साहित्य में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं, उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति महाकाव्य “रामचरितमानस” है। हालाँकि इसकी रचना का सटीक वर्ष अनिश्चित है, ऐसा माना जाता है कि इसे 16वीं शताब्दी के दौरान लिखा गया था।
हिंदी में गणेश आरती ( Ganesh Aarti in Hindi ) का जाप अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व रखता है। भक्तों का मानना है कि इस भजन को पूरी श्रद्धा और ईमानदारी से पढ़ने से कई लाभ मिल सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह भगवान गणेश के आशीर्वाद का आह्वान करता है, जिन्हें अक्सर बाधाओं को दूर करने वाले और अच्छे भाग्य के अग्रदूत के रूप में पूजा जाता है। कहा जाता है कि गणेश आरती का जाप नकारात्मकता को दूर करता है, ज्ञान प्रदान करता है और जीवन की चुनौतियों से सुरक्षा प्रदान करता है। इसके अलावा, यह आंतरिक शांति और परमात्मा के साथ संबंध की गहरी भावना को बढ़ावा देता है।
हिंदी में गणेश आरती ( Ganesh Aarti in Hindi ) को अपने दैनिक आध्यात्मिक अभ्यास में शामिल करना भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने और जीवन की यात्रा में उनके दिव्य हस्तक्षेप की तलाश करने का एक तरीका है। यह एक शाश्वत परंपरा है जो लाखों भक्तों के बीच प्रिय हाथी के सिर वाले देवता की उपस्थिति और आशीर्वाद का आह्वान करती रहती है।
Top 3 Ganesh ji ki Aartiyan in Hindi
Jay Ganesh Jay Ganesh Deva Aarti Lyrics in Hindi
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
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Jay Ganesh Jay Ganesh Deva Aarti Lyrics in Hindi PDF
Jay Ganesh Jay Ganesh Deva Aarti Lyrics | जय गणेश देवा आरती लिरिक्स हिंदी में
2) Sukh Karta Dukh Harta Aarti Lyrics in Hindi | सुख करता दुख हर्ता
सुख करता दुख हर्ता, वार्ता विघ्नाची |
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची ||
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची |
कंठी झलके माल मुकताफळांची ||
जय देव जय देव
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति .. जय देव जय देव (2)
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा |
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा ||
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा |
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया ||
जय देव जय देव
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति .. जय देव जय देव (2)
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना |
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना ||
दास रामाचा वाट पाहे सदना |
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना ||
जय देव जय देव
जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति .. जय देव जय देव (2)
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को |
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को ||
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को |
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को ||
जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता .. जय देव जय देव (2)
अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी |
विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी ||
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी |
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी ||
जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता .. जय देव जय देव (2)
भावभगत से कोई शरणागत आवे |
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे ||
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे |
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे ||
जय देव जय देव
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता .. जय देव जय देव (4)
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Sukh Karta Dukh Harta Aarti Lyrics in Hindi PDF
Sukh Karta Dukh Harta Aarti Lyrics | सुख कर्ता दुख हर्ता आरती लिरिक्स हिंदी में
3) Shendur Lal Chadhayo Aarti Lyrics in Hindi | शेंदुर लाल चढ़ायो गीत हिंदी में
शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुख को,
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहर को ।
हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवर को,
महिमा कहे न जाय लागत हूं पद को ।।
।। जय देव जय देव ।।
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता ।
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता ।।
। जय देव जय देव ।।
भावभगत से कोई शरणागत आवे,
संतति संपत्ति सबहि भरपूर पावे ।
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे,
गोसावीनन्दन निशिदिन गुण गावे ।।
।। जय देव जय देव ।।
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता ।
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मन रमता ।।
।। जय देव जय देव ।।
घालीन लोटांगण वंदिन चरन,
डोळ्यांनी पाहीं रुप तुझे ।
प्रेम आलिंगिन आनंदे पूजीं,
भावे ओवालीन म्हणे नामा ।।
त्वमेव माता पिता त्वमेव,
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव ।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव,
त्वमेव सर्वम मम देव देव ।।
कयें वच मनसेन्द्रियैवा,
बुद्धयात्मना व प्रकृतिस्वभावा ।
करोमि यद्यत सकलं परस्मै,
नारायणायेति समर्पयामि ।।
अच्युत केशवम रामनरायणं,
कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरी ।
श्रीधरम माधवं गोपिकावल्लभं,
जानकीनायकं रामचंद्रम भजे ।।
हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे ।
हरे कृष्णा हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे ।।
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Shendur Lal Chadhayo Aarti Lyrics in Hindi PDF
Shendur Lal Chadhayo Aarti Video Lyrics in Hindi | शेंदुर लाल चढ़ायो लिरिक्स हिंदी में
The Significance of Ganesh Aarti in Hindi
गणेश आरती हिंदी में ( Ganesh Aarti in Hindi ) हिंदू संस्कृति और आध्यात्मिकता में गहरा महत्व रखती है। यह भक्ति भजन हाथी के सिर वाले प्रिय देवता भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा की हार्दिक अभिव्यक्ति है, जिन्हें बाधाओं को दूर करने वाले और ज्ञान के अग्रदूत के रूप में पूजा जाता है।
हिंदी में गणेश आरती ( Ganesh Aarti in Hindi ) का जाप सिर्फ एक अनुष्ठान नहीं है बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है जो भक्तों को परमात्मा के करीब लाता है। ऐसा माना जाता है कि इस आरती को भक्ति और ईमानदारी से पढ़ने से भगवान गणेश का आशीर्वाद मिलता है, और जीवन की यात्रा में उनका मार्गदर्शन और सुरक्षा मिलती है।
हिंदी में गणेश आरती का एक उल्लेखनीय पहलू इसकी सार्वभौमिकता है। यह भाषाई बाधाओं को पार करता है और भारत और दुनिया भर के भक्तों द्वारा गाया और सराहा जाता है। यह एक एकीकृत सूत्र के रूप में कार्य करता है, जो विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों को भगवान गणेश के प्रति उनकी भक्ति से जोड़ता है।
हिंदी में गणेश आरती की पुनरावृत्ति केवल एक गायन अभ्यास नहीं है बल्कि ध्यान का एक गहन रूप है। यह मन को शांत करता है, आंतरिक शांति को बढ़ावा देता है और इसका पाठ करने वालों के दिलों में आध्यात्मिकता की भावना पैदा करता है। यह आरती हमारे जीवन में दिव्य उपस्थिति और जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए भगवान गणेश से आशीर्वाद मांगने के महत्व की याद दिलाती है।
Conclusion
संक्षेप में, हिंदी में गणेश आरती एक कालातीत परंपरा है जो भारत की भक्ति, आस्था और सांस्कृतिक समृद्धि को समाहित करती है। यह आशा की किरण के रूप में कार्य करता है, हमें ज्ञान को अपनाने, बाधाओं को दूर करने और भगवान गणेश की दिव्य उपस्थिति में सांत्वना पाने की याद दिलाता है।